जालंधर :पंजाबी साहित्य सभा, डीएवी कॉलेज जालंधर द्वारा मातृभाषा को समर्पित एक विशेष व्याख्यान में प्रसिद्ध लोक गायक डॉ.
सुखमिंदर कौर बराड़ (लोकप्रिय नाम सुखी बराड़) ने ;पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत ; विषय पर भाषण दिया। डॉ. अशोक
कुमार खुराना (अध्यक्ष पंजाबी विभाग) ने मुख्य वक्ता सुखी बराड़ का स्वागत करते हुए कहा कि डीएवी कॉलेज के प्रांगण में
ऐसी पंजाबी संस्कृति और कला को समर्पित शख्सियत का होना हमारे लिए सम्मान की बात है। प्राचार्य डॉ.राजेश कुमार ने
अपने विचार साझा करते हुए भाषाओं के संदर्भ में गुरु ग्रंथ साहिब जी के सन्दर्भों के साथ भाषाओं के महत्व के बारे में
महत्वपूर्ण बातें साझा कीं और डॉ. बरार के समर्पण की सराहना की। प्रो एकजोत कौर ने डॉ. सुखमिंदर कौर बराड़ जी की
उपलब्धियों और गतिविधियों को वीडियो के रूप में प्रस्तुत किया गया। इसके बाद पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत की बात
करते हुए डॉ. बराड़ ने पंजाब को समानता का प्रदेश बताया और कहा कि यह धरती अपने विविध रंगों के कारण अनोखी है।
इसी पवित्र भूमि पर बड़े-बड़े वेदों, शास्त्रों की रचना हुई है। उन्होंने जहां धर्म के नाम पर विभाजन पैदा करने वालों से सावधान
रहने का संदेश दिया, वहीं युवा छात्रों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने और अतिरिक्त सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के
लिए भी प्रोत्साहित किया। अपनी प्रस्तुति के दौरान, उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी, साहिबज़ादों और श्री राम जी के बारे में सुंदर
गीत/भजन गाए। इसके बाद उन्होंने अपना लोक गीत जलवा भी बखूबी प्रस्तुत किया। उन्होंने छात्रों के साथ अयोध्या प्राण
प्रतिष्ठा समारोह को लेकर अपना अनुभव भी साझा किया। साहित्य सभा के प्रभारी डॉ. साहिब सिंह ने अपने काव्यात्मक
अंदाज से संबोधित करते हुए मंच का बखूबी संचालन किया। कार्यक्रम के अंत में प्रो. सुखदेव सिंह रंधावा ने धन्यवाद ज्ञापित
किया।
इस अवसर पर पंजाबी विभाग से प्रो. बलविंदर नंदरा, डॉ. दविंदर मंड, डॉ. राजन शर्मा, डॉ. कंवलजीत सिंह, प्रो. मंजीत सिंह,
डॉ. किरणदीप कौर, डॉ. गुरजीत कौर, प्रो. साहिल