कपूरथला:  पंजाब विधानसभा चुनाव से कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर से नेताओं के बीच आपसी फूट खुलकर सामने आ रही है। हाल ही में सरकार के मौजूदा मंत्री राणा गुरजीत सिंह के बेटे राणा इंद्रप्रताप को हाईकमान की ओर से टिकट ना देने पर उन्होंने पार्टी से नाराज होकर आजाद लड़ने का ऐलान कर दिया है। वहीं हाल ही में पार्टी के पूर्व मंत्री अवतार हैनरी के बेटे अवतार सिंह जूनियर, नवतेज सिंह चीमा, विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल और पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने राणा गुरजीत सिंह के खिलाफ सोनिया गांधी को एक पत्र लिख उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए कहा है। इन नेताओं ने कहा, ‘‘हमने राज्य इकाई के नेतृत्व को राणा गुरजीत की पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में सूचित किया, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उन्हें फिर से कैबिनेट में शामिल कर लिया गया।”  राणा गुरजीत सिंह ने साल 2018 में रेत खनन के मामले में आरोप लगने के बाद अमरिंदर सिंह सरकार से इस्तीफा दे दिया था। चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें फिर से मंत्री बनाया गया।जिसके बाद आज राणा गुरजीत सिंह मीडिया के सामने आए। उन्होंने इन चारों नेताओं द्वारा इस बगावत को लेकर कहा कि प्रत्येक पार्टी के सदस्य को हक कि वह अपनी बात हाईकमान के सामने रखे।इसी के साथ उन्होंने कहा कि अगर हाईकमान को लगता है कि मैं वाकई पार्टी के लायक नहीं हूं तो वह मुझे निकाल देगी, लेकिन अगर उन्हें लगता है कि मैं पार्टी के काम का नेता हूं तो वह मुझे नहीं निकालेंगे। राणा गुरजीत सिंह ने सुल्तानपुर लोधी से कांग्रेस उम्मीदवार नवतेज सिंह पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सरकार कि ओर से गुरु साहिब के 550वें प्रकाश पर्व के लिए जो ग्रांट जारी कर दी गई अगर उन पैसों को आपने खुर्द-बुर्द ना होने दिया होता, लोगों ना धोखा दिया होता तो आपके विरोध में किसने खड़े होना था। आज लोग आपको आपके अधूरे किए कार्यों को लेकर कड़ा विरोध कर रहे है।इसी के साथ उन्होंने उनके द्वारा दोआबा क्षेत्र में उनके दखल देने दिए जाने पर चारों विधायकों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दोआबे के लोग मुझे प्यार करते है। इसलिए मैं दोआबा में लोगों के बीच रहता हूं, साथ ही इन विधायकों पर तीख हमला करते हुए कहा कि आज तक ये विधायक अपने हलके में कोई नया विधायक खड़ा नहीं कर सके है। राणा गुरजीत ने विरोध करने वाले इन चारों विधायकों को खुला चैलेंज कर दिया है उन्होने चैलेंज करते हुए कहा कि हिम्मत है तो ये चारों नेता कपूरथला में आकर मुझे हराकर दिखाए। उन्होंने कहा कि खडूर साहिब, लोहियां, सुल्तान तेजी पर पार्टी को जो जीत हासिल हुई थी उसमें सबसे ज्यादा मेरा योगदान रहा।