जालंधर :भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर एवं केंद्रीय संस्कृत
विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान से चल रहे अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण
केंद्र के द्वारा संस्कृत भाषा की शिक्षा हासिल करने वालों को प्रमाण पत्र से सम्मानित करने
एवं नए सत्र के उद्घाटन के उपलक्ष में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन करवाया गया. इस
प्रोग्राम में विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत
की. गायत्री मंत्र उच्चारण एवं ज्योति प्रज्वलन के साथ आरंभ हए इस प्रोग्राम के दौरान
संबोधित होते हुए विद्यालय प्राचार्या जी प्रमाण पत्र हासिल करने वाले सभी विद्यार्थियों को
मुबारकबाद देते हुए संस्कृत भाषा को ना केवल विभिन्न भारतीय बल्कि विदेशी भाषाओं का
मज़बूत आधार बताया. इसके साथ ही उन्होंने संस्कृत भाषा के महत्व को बयान करते हुए
भारतीय संस्कृति की धरोहर वेदों एवं उपनिषदों में दर्शाई गई मानवीय जीवन-जाच पर भी
प्रकाश डाला. आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा का ज्ञान हासिल करने का
सीधा अर्थ अपने वजूद तथा संस्कृति के साथ जुड़ना है. इसके साथ ही जहां इस अवसर पर
अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केंद्र की इंचार्ज डॉ. नीरज शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा को
सांझा किया वही साथ ही शिक्षक श्री भगवती प्रसाद ने आए हुए सभी अतिथियों को केंद्र की
गतिविधियों से विस्तार सहित अवगत करवाने के साथ-साथ शिक्षा हासिल कर प्रमाण पत्र
से सम्मानित होने वाले सभी विद्यार्थियों का विवरण भी प्रस्तुत किया. प्राचार्या जी ने इस
प्रोग्राम के सफल आयोजन के लिए समूह आयोजक मंडल के प्रयत्नों की सराहना की. प्रोग्राम
के दौरान मंच संचालिक की भूमिका डॉ. अनुशोभा के द्वारा निभाई गई.